The smart Trick of ayodhya ram mandir That Nobody is Discussing
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भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
पाठ करे सो पावन हारी ॥ पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर किशोरी तेरे चरणन में
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ किया उपद्रव तारक भारी ।
वाकी लत घ
नंदलाल गोपाल दया करके, रख चाकर अपने द्वार मुझे।धन दौलत happy diwali और किसी को दे, बस देदे अपना प्यार मुझे॥तन मन का ना चाहे होश रहे,त
मेरा गोपाल गिरधारी ज़माने से निराला है।ना गोरा है ना कला है, वो मोहन मुरली वाला है॥कभी सपनो में आ जाना, कभी रूपोश हो जान
मेरे मनमोहना आओ, मेरे मन मे समां जाओ
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥